‘प्रयोगधर्मी किसान’ की हुई भव्य लॉचिंग
उदयपुर (राजस्थान)। झीलों की नगरी उदयपुर में ‘भारतीय किसान संघ, राजस्थान’ एवं पेसिफिक उच्चतर शिक्षा व अनुसंधान अकादमी विश्वविद्यालय’ द्वारा आयोजित किसान वैज्ञानिकों के राष्ट्रीय मंथन व सम्मान समारोह में कृषि पत्रकारिता में अतिउल्लेखनीय योगदान देने व ‘मिशन फार्मर साइंटिस्ट’ को देश दुनिया में पहचान दिलवाने के लिए विख्यात कृषि पत्रकार-लेखक डॉ महेंद्र मधुप को ‘लाइफटाइम कॉन्ट्रिब्यूशन अवार्ड’ से कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ एनएस राठौड़, उप महानिदेशक, कृषि शिक्षा, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली ने शाल ओढ़ाकर, अंग वस्त्र और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।
समारोह में डॉ महेंद्र की सीरीज़ ‘नवाचारी किसानों की कहानियां: भाग-3’ के तहत आई पुस्तक ‘प्रयोगधर्मी किसान’ का विमोचन भी हुआ, जिसमें 12 राज्यों के 51 किसान वैज्ञानिकों की सफलता की कहानियां हैं। किसान वैज्ञानिकों की सेवा में गुजारे अपने 20 वर्षों की साधना के परिणाम के रूप में सम्पन्न हुए इस कार्यक्रम को अपने जीवन की बड़ी उपलब्धि बताते हुए डॉ मधुप ने कहा कि वे अपनी 3 पुस्तकों ‘खेतों के वैज्ञानिक’, ‘वैज्ञानिक किसान’ और ‘प्रयोगधर्मी किसान’ के प्रकाशन को लेकर उत्साहित हैं, क्योंकि दुनिया के किसी भी देश या भाषा में 2016 तक नवाचारी किसानों की जीवनियों पर एक भी पुस्तक नहीं थी।
देशभर के 41 किसान हुए सम्मानित
इस समारोह में देश के 12 राज्यों के 52 किसान वैज्ञानिकों में से 10 राज्यों के 41 किसान वैज्ञानिक सम्मिलित हुए। शामिल हुए किसान वैज्ञानिकों में ईश्वरसिंह कुंडू, धर्मवीर कंबोज, गुरमेल सिंह धौंसी, रायसिंह दहिया, सुरेंद्र प्रसाद, सुरजीत सिंह चग्गर, प्रभपाल सिंह ढिल्लों, बचुभाई सवजीभाई ठेसिया, हरिमन शर्मा, चौधरी परमाराम, किशोर पांडे, कैलाश चौधरी, इशाक अली, मोटाराम शर्मा, राकेश दुबे, रोशनलाल विश्वकर्मा, श्रवणकुमार बाज्या, श्रीकिशन सुमन, मदनलाल देवड़ा, गोपाल मल्हारी भिसे, राजेंद्र छब्बूलाल जाधव, जितेंद्र मलिक, राजेश खेड़ी, बलवानसिंह, जगदीश प्रसाद पारीक, अरविंद सांखला, प्रिंस कंबोज, मदनलाल कुमावत, झाबरमल पचार, गंगाराम कीर, गणपतलाल नागर, जसवीर कौर, मोहम्मद मक़बूल रैना, भास्कर रमण, भंवरसिंह पीलीबंगा, गजानंद अग्रवाल, सुनील कुंडू, योगेश नागर, रामकरण खेदड़, संतोष खेदड़, पवन के. टाक शामिल हैं।
चिश्ती और परिहार को विशेष सम्मान
समारोह में कृषि एवं पर्यावरण पत्रकार के रूप में देशभर में अपनी एक अनूठी इमेज बनाने वाले जोधपुर के युवा कृषि पत्रकार मोईनुद्दीन चिश्ती को उत्कृष्ट कृषि पत्रकारिता एवं मिशन फार्मर साइंटिस्ट में मीडिया कोऑर्डिनेटर के तौर पर उल्लेखनीय सहभागिता के लिए विशेष तौर पर सम्मानित किया गया। दूरदर्शन केंद्र जयपुर के कार्यक्रम निर्माता वीरेंद्र परिवार को मिशन फार्मर साइंटिस्ट में सहभागिता करने, किसान वैज्ञानिकों पर उत्कृष्ट कार्यक्रम निर्माण करने हेतु सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में विशिष्ट अथितियों के तौर पर प्रोफेसर अजय कुमार गहलोत, एक्स वीसी, राजुवास, बीकानेर और पिपलांत्री मॉडल के जनक श्यामसुंदर पालीवाल मौजूद थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता पैसिफिक यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष प्रोफेसर बीपी शर्मा ने की जबकि भारतीय किसान संघ, राजस्थान के संघटन मंत्री कृष्ण मुरारी भी कार्यक्रम में मौजूद थे।
वर्षों याद किया जाएगा यह सम्मान-चिश्ती
युवा कृषि पत्रकार और मिशन फार्मर साइंटिस्ट के मीडिया कोऑर्डिनेटर मोईनुद्दीन चिश्ती ने बताया कि देशभर के किसान वैज्ञानिक इस सम्मान समारोह को बरसों बरस तक याद रखेंगे। समारोह में पहली बार एक अभिनव प्रयोग किया गया। महिला किसान वैज्ञानिक जसवीर कौर ने अपना सम्मान अपने पुत्र कुलदीप के साथ ग्रहण किया। किसान वैज्ञानिक दंपति के रूप में मौजूद रहे रामकरण खेदड़- संतोष खेदड़ ने भी एक साथ सम्मान ग्रहण किया। किसान वैज्ञानिक भंवरसिंह पीलीबंगा ने भी अपना पुरस्कार अपनी ‘बेटर हाफ’ मदनकंवर के साथ खुशी खुशी ग्रहण किया।
मेरे लिए भी यह पुरस्कार सर्वाधिक महत्वपूर्ण रहा। मैंने अपनी शरीक़े हयात सान्या एवं बेटे समीर ‘जुनैद’ के साथ जब इस सम्मान को ग्रहण किया तो मेरे चेहरे पर हंसी बिखरी हुई थी। मैं अपनी पत्नी के सहयोग की वजह से ही देशभर के किसानों के बीच लोकप्रियता हासिल करने में कामयाब रहा हूं। डॉ मधुप का यह प्रयोग एक कारगर कदम है।
पवन भविष्य का बड़ा कृषि वैज्ञानिक- डॉ मधुप
तीसरी पुस्तक ‘प्रयोगधर्मी किसान’ के सबसे युवा किसान बिलाड़ा, जोधपुर के पवन के. टाक की कार्यप्रणाली से प्रभावित होकर डॉ महेन्द्र मधुप ने कहा कि ,’पवन भविष्य में देश का सबसे बड़ा वैज्ञानिक बनेगा।’
प्रस्तुति: सान्या एम. चिश्ती