कहानी

  • मानुस हो तो वही…!

    मानुस हो तो वही…! आकाश सँवलाया-सा लग रहा था। पेड़ चुपचाप खड़े थे। सूरज अपना पूरा ताप बिखेर कर इस…

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  • कोहरे का कफन

    कोहरे का कफन गनेशी लाल ने जर्जर किबाड़ों में जहाँ-तहाँ बने सुराखों में से किसी एक में आँख टिका दी…

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  • ‘बुआजी’

    ‘बुआजी’ बालकनी में बैठी शुचि सांझ ढलने का इंतज़ार कर रही थी। एफ एम पर रोज़ की तरह गाने चल…

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  • गल्या का सपना

    गल्या का सपना गल्या पावणा अमर्या बाबा के यहाँ वरसूद था। वरसूद यानी कि एक निश्चित रकम के बदले किसान…

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  • कहानी- उजास

    कहानी- उजास चारपाई के चरमराने की आवाज़ से रामदेई ने करवट बदल कर देखा और झोपड़ी के घुप अंधेरे में…

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  • कहानी:- हारे हुए पिता

      कृषि परिवर्तन के पाठकों के लिए अब हर अंक में किसी सुप्रसिद्ध लेखक की किसानों या गाँवों पर आधारित…

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