आलेख
-
आइये, गणतंत्र ज़मीनी हो जाए हम
संवैधानिक भारत का लोकतांत्रिक सपनाआइये, गणतंत्र ज़मीनी हो जाए हम आज़ादी से पहले भारत में राजतांत्रिक व्यवस्था थी। राजा थे…
Read More » -
अध्यादेशों ने अकेला कर दिया किसान को
अध्यादेशों ने अकेला कर दिया किसान को कोरोना संकट के ऐन बीचम-बीच सरकार ने जून 2020 में किसानों से जुड़े…
Read More » -
मध्य प्रदेश जलाधिकार अधिनियम हक़दारी या वसूली की तैयारी?
मध्य प्रदेश जलाधिकार अधिनियम हक़दारी या वसूली की तैयारी? चर्चा है कि मध्य प्रदेश, इन दिनों जलाधिकार अधिनियम बनाने वाला…
Read More » -
प्रकृति के कायदों की अनदेखी करती खेती के परिणाम
भारत में कृषि पद्धति के दो अध्याय हैं- पहले अध्याय के अन्तर्गत आती है प्रकृति के कायदे-कानूनों को ध्यान में…
Read More » -
कृषि का दुर्भाग्य या कृषि हमारा भाग्य?
आप कल्पना कर सकते हैं एक ऐसे बच्चे की जो कई सारी परीक्षाओं में अव्वल भी आया, लेकिन लक्ष्य निर्धारित…
Read More » -
जल-जीवन मिशन: भूमिका बदलने की ज़रूरत
जल-जीवन मिशन: भूमिका बदलने की ज़रूरत हर परिवार को नल से जल। भारतीय जनता पार्टी के घोषणा-पत्र में घोषित ‘जल-जीवन…
Read More » -
इसे सम्मान कहें या जले पर नमक छिड़कना!
इसे सम्मान कहें या जले पर नमक छिड़कना! कोई फसल के उचित दाम न मिलने से परेशान है तो कोई…
Read More » -
इन्द्रदेव की अगवानी की तैयारी ज़रूरी
अग्नि देव ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति मार्च शुरू में ही जारी कर दी थी। अप्रैल अंत में शुरू होने वाली…
Read More » -
खेतों की मिट्टी हुई कमज़ोर, बड़े खतरे की घंटी
मध्यप्रदेश के अधिकांश इलाकों में खेतों की मिट्टी अपनी ताकत खोती जा रही है। यह पर्यावरण के साथ-साथ हमारी खेती…
Read More » -
कितना पानीदार केंद्रीय बजट (2018-19)
दोगुनी आय की मंशा पर सवाल-जवाब ज़ाहिर है कि ये बजटीय घोषणायें ही हैं, जिनके भरोसे राजग समर्थक कह रहे…
Read More »