editorial
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संपादकीय
एक तो मूलभूत सुविधाओं का अभाव
दूजा मिलता नहीं फसलों का सही भाववैसे तो जनता की याद्दाश्त कमज़ोर ही है, फिर भी याद दिला देता हूँ कि कोरोना काल के दौरान जो…
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संपादकीय
बाढ़ और सूखे से आज़ादी कब?
पवन नागर ताज़ा खबर यह है कि यूरोप 500 सालों के सबसे भयंकर सूखे की चपेट में है और अमेरिका…
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संपादकीय
‘आसानी’ से हो रही बड़ी ‘परेशानी’
अभी भी कोरोना अमेरिका, चीन और अन्य यूरोपीय देशों में तबाही मचा रहा है, जबकि ये सभी देश स्वास्थ्य सेवा…
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संपादकीय
लालच छोड़ों, प्रकृति से नाता जोड़ो
प्रकृति की अपनी एक व्यवस्था है जिसमें भरपूर उत्पादन होता है, वह भी बिना रासायनिक खाद और कीटनाशक का इस्तेमाल…
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आलेख
आइये, गणतंत्र ज़मीनी हो जाए हम
संवैधानिक भारत का लोकतांत्रिक सपनाआइये, गणतंत्र ज़मीनी हो जाए हम आज़ादी से पहले भारत में राजतांत्रिक व्यवस्था थी। राजा थे…
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संपादकीय
कौन हैं हम?
अभी बीती 26 जनवरी को हम सबने कोरोनाकाल में 72वां गणतंत्र दिवस मनाया और 2020 का अंत भी हो गया।…
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कहानी
कोहरे का कफन
कोहरे का कफन गनेशी लाल ने जर्जर किबाड़ों में जहाँ-तहाँ बने सुराखों में से किसी एक में आँख टिका दी…
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साक्षात्कार
सौंफ की खेती के बेताज बादशाह हैं इशाक
गुजरात के मेहसाणा के बादरपुर में जन्मे पर 1 साल की उम्र में ही राजस्थान के सिरोही के काछोली गाँव…
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साक्षात्कार
3.50 करोड़ के कारोबारी बने दहिया
राजस्थान के ही एक और किसान वैज्ञानिक हैं रायसिंह दहिया, जो राष्ट्रपति भवन में 15 दिन तक मेहमान रहे हैं।…
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संपादकीय
मानसिकता बदलने की ज़रूरत है।
क्यों किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है? क्यों किसान दूध और सब्जि़याँ सड़क पर…
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