खेती-बाड़ी

सफेद बैंगन और उसकी पत्तियों से सेहत

लेखक: रिज़वान अली एवं सतीश यादव
इंटीग्रल विश्वविद्यालय, लखनऊ (उत्तर प्रदेश)
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अक्सर घर में बैंगन की सब्जी का नाम सुनते ही सबके मुँह बनने शुरू हो जाते हैं। कुछ लोग तो इसे बे-गुण भी बुलाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बैंगन ही नहीं अपितु इसके पत्तों तक में मौजूद औषधीय गुण आपके कई रोगों को ठीक करने में आपकी मदद कर सकते हैं? बैंगन के पत्तों में विटामिन, फेनोलिक्स (कार्बोलिक एसिड) और एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इन खास तत्वों की मौजूदगी के कारण बैंगन के पत्तों को स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं को दूर करने के लिए एक औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि मोटापे से लेकर शरीर में खून की कमी दूर करने तक क्या हैं बैंगन के पत्तों के गज़ब के फायदे।

बैंगन की सब्जी बनाने के लिए आप आमतौर पर बैंगनी रंग के बैंगन का इस्तेमाल करते होंगे। मगर क्या आप जानते हैं कि बैंगन की कई किस्में होती हैं? इनमें से एक है सफेद बैंगन (White Brinjal)। सफेद बैंगन के बारे में बहुत प्रश्न होंगे आपके मन में, जैसे कि सफेद बैंगन कैसा होता है? इसके सेवन से शरीर को क्या फायदे होते हैं? तो आइए एक-एक करके आपकी सभी जिज्ञासाओं का समाधान करते हैं.

सफेद बैंगन की खासियत
(White Brinjal Speciality)

सफेद बैंगन थोड़े घुमावदार और तिरछे होते हैं और इनकी लंबाई औसतन 10 से 17 सेंटीमीटर होती है। इनकी बाहरी त्वचा चिकनी और चमकदार होती है, जिसका रंग सफेद होता है। इसका एक सिरा बल्बनुमा होता है, जिसका रंग हरा होता है और यह थोड़ा-सा पतला होता है। सफेद बैंगन का स्वाद हल्का मीठा होता है, साथ ही ये मलाईदार होते हैं.

सफेद बैंगन में पोषक तत्व
(Nutrients in White Brinjal)

इस बैंगन में पोटेशियम की उच्च मात्रा पाई जाती है। इसके साथ ही विटामिन बी, मैग्नीशियम और कॉपर भी इसमें पाया जाता है। सेलूलोज, विटामिन बी 1, विटामिन बी-6, फोलिक एसिड, विटामिन-्य, तांबा, मैंगनीज, नियासिन, पोटैशियम इत्यादि तत्व भी पाए जाते हैं. सफेद बैंगन के पत्ते भी बेहद लाभकारी माने गए हैं।

सफेद बैंगन (White Brinjal) और उसके पत्तों से होने वाले फायदे

1.     पाचन तंत्र के लिए लाभकारी (Beneficial for the Digestive System)- हेल्थ एक्सपर्टं की मानें तो सफेद बैंगन की पत्तियाँ (Benefits of Brinjal leaves) पाचन तंत्र के लिए बहुत लाभकारी होती हैं। दरअसल, इसकी पत्तियों में फाइबर की प्रचुर मात्रा होती है। इस कारण आप डाइट में सफेद बैंगन शामिल कर सकते हैं। अगर आपको कब्ज या पेट संबंधी परेशानी है तो आप सफेद बैंगन या उसकी पत्तियों का सेवन कर सकते हैं.

2.     वज़न घटाए (Lose Weight)- वज़न घटाने में सफेद बैंगन की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसमें फाइबर की अधिक मात्रा होती है, इसलिए इसके सेवन से पेट लंबे समय तक भरा रहता है। दूसरी ओर इसमें पाए जाने वाले सूक्ष्म पोषक तत्व रक्त में कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करते हैं जिससे वज़न घटाने में मदद मिलती है। अगर आपका वज़न ज़्यादा है तो आप अपनी डाइट में सफेद बैंगन शामिल कर सकते हैं, इससे आपको जल्द ही लाभ होगा।

3.     किडनी के लिए मददगार (Helpful for Kidney)- सफेद बैंगन (White Brinjal) की पत्तियों से बहुत लाभ होते हैं। इसकी पत्तियाँ किडनी डिटॉक्सिफायर के रूप में काम करती हैं। आप इसकी पत्तियों को डाइट में शामिल करें और अपनी किडनी को लंबे समय तक स्वस्थ रखें। ऐसे में अगर आपको किडनी से जुड़ी कोई समस्या है, तो आप एक बार अपनी डाइट में सफेद बैंगन ज़रूर शामिल करें.

4.     शुगर लेवल को करें नियंत्रित (Control Sugar Level)- अगर किसी को मधुमेह की समस्या है तो उसे सफेद बैंगन (White Brinjal) की पत्तियों का सेवन करना चाहिए. इसकी पत्तियों में फाइबर और मैग्नेशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो शुगर के स्तर को नियंत्रित करते हैं।

इस तरह आपके लिए सफेद बैंगन और उसकी पत्तियों का सेवन करना काफी लाभकारी साबित हो सकता है।

एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर बैंगन

कृषि वैज्ञानिकों ने बैंगन की दो ऐसी किस्में विकसित की हैं जो उच्च पोषक तत्वों के साथ ही एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर हैं और परम्परागत किस्मों की तुलना में ज्यादा पैदावार देती हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने हाल ही में ‘पूसा सफेद बैंगन 1’ और ‘पूसा हरा बैंगन 1’ नामक दो किस्मों का विकास किया है जो एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर हैं। ये किस्में परम्परागत किस्मों की तुलना में जल्दी फूलने-फलने लगती हैं और भरपूर पैदावार भी देती हैं। इनमें उच्च ऑरगेनिक कम्पाउंड ‘फेनाल’ भी पाया जाता है।

हमारे शरीर में होने वाली अधिकांश क्रियाओं में ऑक्सीकरण प्रक्रिया चलती है। इस प्रक्रिया में हमारे शरीर में फ्री रेडिकल्स पनपने लगते हैं। वहीं ये शरीर में कोशिका निर्माण और कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि करने में सहायक होते हैं, लेकिन कुछ बैक्टीरिया ही कोशिका निर्माण और वृद्धि में सहायक होते हैं। यदि इनकी संख्या अधिक हो जाए तो ये हमारे शरीर की कोशिकाओं को नष्ट करने लगते हैं जिससे हमारी कार्यक्षमता कम होने लगती है और कई बीमारियाँ हमारे शरीर में धीरे-धीरे अपना स्थान बना लेती हैं। एंटीऑक्सीडेंट इन अतिरिक्त बैक्टीरिया को नष्ट कर हमारे शरीर को रोगमुक्त और स्फूर्तिवान बनाए रखने में मदद करता है।

अंडे के आकार का है पूसा सफेद बैंगन -1

पूसा सफेद बैंगन-1 आकर्षक सफेद रंग का और अंडे के आकार का होता है जिसकी खेती उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों में खरीफ  के दौरान की जा सकती है। इसके अलावा जिन हिस्सों में बैंगन की खेती की जाती है उन स्थानों में भी इसकी पैदावार ली जा सकती है।

पूसा सफेद बैंगन -1 की विशेषता

यह जल्दी तैयार होने वाली किस्म है जो पौधा लगाने के 50 से 55 दिनों में फलने लगती है। इसके पौधे मध्यम ऊंचाई के और सघन शाखाओं वाले होते हैं। इसके एक बैंगन का वज़न 50 से 60 ग्राम होता है और ये गुच्छों में फलते हैं। एक हेक्टेयर में पूसा सफेद बैंगन की पैदावार 35 टन तक होती हैं। एक हेक्टेयर में बैंगन के पौधे लगाने के लिए 250 ग्राम बीज की ज़रूरत होती है जिसे पौधाशाला में लगाया जाता है।

पूसा हरा बैंगन 1 की विशेषता पूसा हरा बैंगन-1 उच्च ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है और इसे खरीफ  के दौरान उत्तर भारत में लगाया जा सकता है। इस किस्म के बैंगन गोल और हरे रंग का होता है जो देखने में बेहद आकर्षक होता है। पौधा लगाए जाने के 40 दिनों के बाद इसमें फूल निकलने लगते हैं तथा 55 से 60 दिनों में इसके फल तोडऩे के लिए तैयार हो जाते हैं। इस किस्म की पैदावार प्रति हेक्टेयर 40 से 45 टन तक ली जा सकती है। इसके एक फल का वज़न 210 से 220 ग्राम तक होता है। अधिकांश किस्म की बैंगन की पैदावार प्रति हेक्टेयर 25 से 30 टन तक होती है।

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