संपादकीय
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सरकार ही सिस्टम है, सिस्टम ही सरकार है
-पवन नागर अभी की ताज़ा खबर यह है कि हमारा सिस्टम खराब है और देश में जो भी नकारात्मक…
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कौन हैं हम?
अभी बीती 26 जनवरी को हम सबने कोरोनाकाल में 72वां गणतंत्र दिवस मनाया और 2020 का अंत भी हो गया।…
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किसानों के पास ही हैं समस्याओं के हल
अभी भी पूरी दुनिया कोरोना महामारी से गुज़र रही है, और इसी बीच केन्द्र सरकार ने विपक्ष की अनुपस्थिति में…
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कीट-नियंत्रण के लिए ‘पंगत’ नहीं ‘स्वरुचि भोज’ कराएँ
कीट-नियंत्रण के लिए ‘पंगत’ नहीं ‘स्वरुचि भोज’ कराएँ अभी कोरोना काल चल रहा है। कब तक चलेगा और इसका अंत…
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क्या कोरोना “लालची इंसान” से भी अधिक खतरनाक है?
वैसे तो दुनिया में महामारियाँ बहुत आई हैं और भविष्य में भी आती रहेंगी, परंतु कोविड-19 महामारी थोड़ी अलग इसलिए…
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मानसिकता बदलने की ज़रूरत है।
क्यों किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है? क्यों किसान दूध और सब्जि़याँ सड़क पर…
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संतोषम् परम् सुखम्
आज की भागमभाग भरी जीवन-शैली और आधुनिकता की चकाचौंध से अंधा हुआ इंसान जाने कहाँ जाने की ओर अग्रसर है…
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ज़मीन का नहीं, ज़िम्मेदारी का करें बँटवारा
ज़मीन का नहीं, जि़म्मेदारी का करें बँटवारा वैसे तो 20-20 के चलन को आए हुए एक दशक से भी ज़्यादा…
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मेरे पास समय नहीं है।
मेरे पास समय नहीं है। आजकल यह उक्ति बहुत चलन में है और हर कोई इसका इस्तेमाल करता है। आप…
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ज़्यादा उत्पादन चाहिए या ज़्यादा दाम?
ज़्यादा उत्पादन चाहिए या ज़्यादा दाम? लिखें तो क्या लिखें? हाल-ए-दिल लिखें या देश का हाल लिखें? या यह दुनिया…
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